Anubhab Mowar

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Dec-2021

भलाई

भलाई करना,तो ना किसी को,बता कर भलाई करना
बाद में किसी को फिर ,ना जता कर भलाई करना।

कर्म तुम्हारा है,करना यह सोच कर
फल की आशा हटा कर,भलाई करना।

ना करना मदद,अपना पराया देख कर
नजरों का यह भेद,मिटा कर भलाई करना।

 सोच कर अपना,तो बस व्यापार होता है,
तुम करना 'गुमनाम', तो खुद को भुला कर भलाई करना।

- गुमनाम लेखक

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7 Comments

Punam verma

03-Dec-2021 09:03 AM

Nice

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

02-Dec-2021 12:44 PM

Wah

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Pallavi

01-Dec-2021 10:28 PM

Nice

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